खट्टी-मीठी, चटपटी इमली में हैं सेहत के लिए मीठे-मीठे फायदे

खट्टी-मीठी, चटपटी इमली में हैं सेहत के लिए मीठे-मीठे फायदे

सेहतराग टीम

हमारे किचन में कई तरह के मसाले और खाद्य पदार्थ पाए जाते हैं जो सेहत के लिए लाभकारी होते हैं। उन्हीं में से एक है इमली जो स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ कई रोगों को हमारे शरीर से दूर रखता है। वहीं अगर मुंह का स्वाद खराब हो गया होता है तो हम इमली खाकर अपने मुंह के स्वाद को बदल सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इमली में जितनी स्वाद में चटपटी होती हैं वहीं इसमें कुछ लाभकारी गुण भी मौजूद होते हैं। इमली के फायदों के बारे में कम ही लोग जानते होंगे इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं इसके कई लाभकारी गुणों के बारे।

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क्या होती है इमली?

इमली एक तरह का फल है और इसका वैज्ञानिक नाम टैमेरिन्डस इंडिका है। इसलिए इसे अंग्रेजी में टैमरिंड के नाम से जाना जाता है। कच्ची इमली हरे रंग की होती है और पकने के बाद यह लाल रंग में बदल जाती है। स्वाद में खट्टी-मीठी होने की वजह से इसका इस्तेमाल अधिक किया जाता है। कच्ची इमली स्वाद में काफी खट्टी होती है, वहीं पक जाने के बाद इसमें थोड़ी मिठास भी घुल जाती है।  इमली में मौजूद पोषक तत्व, ह्रदय, त्वचा, बाल, मोटापा और पेट संबंधी कई बीमारियों का समाधान करने में उपयोगी होती है।

ये हैं इमली के फायदे

  • इमली में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जिनमें इन्फेक्शन को रोकने, दर्द कम करने, प्रतिरोधक क्षमता को सक्रीय करने और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने वाले गुण मौजूद होते हैं।
  • इमली के औषधीय गुण तंत्रिका तंत्र में सुधार कर दिल की धड़कन को नियंत्रित करने का काम करते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इमली में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। दरअसल कैल्शियम, तंत्रिका तंत्र को सही गति देने का काम करता है।
  • इमली में कुछ ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पाचन में सहायक डाइजेस्टिव जूस को प्रेरित करने का काम करते हैं। इस वजह से पाचन क्रिया पहले से बेहतर तरीके से काम करने लगती है। इमली के औषधीय गुण पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
  • यहां तक कि इमली पीलिया और लिवर की बीमारियों से बचाने में भी काफी फायदेमंद साबित होती है। कारण यह है, कि इमली में एंटीऑक्सिडेंट और हेप्टोप्रोटेक्टिव प्रभाव पाए जाते हैं। माना जाता है, कि यह प्रभाव इन दोनों ही समस्याओं के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं।
  • इमली के बीज में ट्रिप्सिन इन्हिबिटर गुण पाया जाता है जो प्रोटीन को बढ़ाने और नियंत्रित करने के काम आता है। इस गुण की वजह से यह मेट्स डिसऑर्डर से संबंधित परेशानियों जैसे हृदय रोग, हाई ब्लड शुगर, हाई-केलेस्ट्रोल, हाई-ट्रिगलीसिराइड और मोटापा को दूर करने में सहायक साबित हो सकता है। इसका मतलब इमली का उपयोग सीधे दिल से संबंधी स्वास्थ्य को सुधारने में उपयोगी साबित हो सकता है।

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